Siddaramaiyaah ( Karnataka CM ) Muda Scam : हाल ही में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के गृह जिले मैसूर , हुबली , बेलगावी और अन्य जगहों पर विरोध प्रदर्शन हुए है । ये प्रदर्शन विशेष मुद्दे, सरकार की नीतियों के खिलाफ हुए है । इस प्रकार के विरोध प्रदर्शन अक्सर स्थानीय जनता , राजनीतिक दलों, या संगठनो द्वारा किसी मांगो को लेकर किए जाते है । MUDA घोटाला समाचार लाइव अपडेट: कर्नाटक उच्च न्यायालय ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने उनके खिलाफ अभियोजन के लिए राज्यपाल की मंजूरी को चुनौती दी थी। इस फैसले के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं ने उनके इस्तीफे की मांग तेज कर दी है, जबकि सिद्धारमैया के समर्थक इसे राजनीतिक साजिश बताते हुए उनके साथ खड़े हैं। अदालत ने प्रारंभिक जांच की अनुमति दी है, जिससे अब मामले की और जांच की जाएगी।

Siddaramaiyaah ( Karnataka CM ) Muda Scam :
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्वारमैया के खिलाफ भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन मुख्य रूप से एक भूमि मामले से जुड़े है । मंगलवार को ये प्रदर्शन तब हुए थे जब कर्नाटक के उच्च न्यायालय ने उस याचिका को खारिज कर दिया , जिसमे उन्होंने राज्यपाल थावरचंद गहलोत द्वारा उनके खिलाफ जांच की मंजूरी को चुनौती दी थी । इस मामले में भूमि आवंटन में कथित अनियमितताओं को लेकर उन पर आरोप लगे है । इसके चलते भाजपा ने उनके इस्तीफे की मांग की है , और राज्य के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन आयोजित किए गए है , जिसमे मैसूर , हुबली , बेलगावी जैसे स्थान शामिल है । भाजपा कार्यकर्ताओं और नेताओं ने कर्नाटक के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन आयोजित किए है , इन प्रदर्शनों में पार्टी के झंडे लेकर प्रदर्शन कारियो ने मुख्यमंत्री के खिलाफ नारेबाजी की और उन पर लगाए गए आरोपों के मद्देनजर उनके इस्तीफे की मांग की । प्रदर्शन कारियो का आरोप है की उन्होंने इस मामले में नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए।

भाजपा के एक पदाधिकारी ने उच्च न्यायालय के फैसले के बाद मांग की है की मुख्यमंत्री तुरंत अपने पद से इस्तीफा दे और भूमि आवंटन मामले की जांच में शामिल हो । पार्टी के राज्य प्रमुख B.Y Vijyendra ने भी इस मामले पर बयान दिया , जिसमे उन्होंने कहा की हाईकोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया है की राज्यपाल की मंजूरी कानून के अनुसार है । Vijyendra ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया की वे राज्यपाल के खिलाफ लगाए गए आरोपों को अलग रखे , अदालत के आदेश का सम्मान करे , और Muda साइट आवंटन घोटाले में अपने परिवार के नाम शामिल होने के आरोपों के मद्देनजर नैतिक आधार पर इस्तीफा दे। उच्च न्यायालय का यह फैसला मुख्यमंत्री के लिए एक बड़ा जटका है । उन्होंने मैसूर शहरी विकास ( Muda ) द्वारा उनकी पत्नी को 14 स्थलों के आवंटन में कथित अनियमिततताओ को लेकर उनके खिलाफ जांच की राज्यपाल की मंजूरी को चुनौती दी थी । अदालत का फैसला राज्यपाल द्वारा दी गई जांच की अनुमति को बरकरार रखता है , जिससे मुख्यमंत्री के लिए कानूनी और राजनीतिक मुश्किल बढ़ गई है । मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के समर्थकों ने उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि उनके इस्तीफे का कोई सवाल नहीं उठता, क्योंकि उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया है और वे किसी घोटाले में शामिल नहीं हैं। उनके समर्थकों का दावा है कि यह भाजपा की एक राजनीतिक साजिश है, जो देश भर में विपक्षी नेताओं को निशाना बना रही है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि वे सिद्धारमैया के साथ खड़े हैं और उनका पूरा समर्थन करते हैं। कर्नाटक के मंत्री कृष्ण बायरे गौड़ा ने कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “उच्च न्यायालय ने कहा है कि प्रारंभिक जांच हो सकती है, तो उसे होने दीजिए। यदि कोई गड़बड़ी हुई है, तो वह जांच में सामने आ जाएगी।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि “उच्च न्यायालय ने राज्यपाल द्वारा अवैध रूप से दी गई अभियोजन की अनुमति को खारिज कर दिया है।” इस बयान से साफ होता है कि सरकार और सिद्धारमैया के समर्थक मामले की निष्पक्ष जांच को लेकर आश्वस्त हैं और उनका मानना है कि इससे मुख्यमंत्री पर लगे आरोप बेबुनियाद साबित होंगे।